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भारशिव नागावंशी

भार शिव: सुल्तानपुर के अंतिम हिंदू शासक थे राजा नंदकुंवर! Posted on July 11, 2021 by bhadas4media.com विक्रम बृजेंद्र सिंह- इतिहास का भूला हुआ सच.. जिसे अधिकांश सुल्तानपुरवासी नहीं जानते ! ११वीं-१२ वीं सदी में जब भारत लगातार अरब देशों के मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण झेल रहा था, आम जनता उनकी दरिंदगी और जुल्म का शिकार हो रही थी, उस वक़्त मध्यप्रदेश के सागर से लेकर नेपाल की सरहद गोरखपुर तक, भदोही से लेकर बहराइच तक निडर, लड़ाकू, पराक्रमी शिवभक्त भरों का आधिपत्य था। भगवान शिव के अनन्य भक्त, शैव मतावलंबी, युद्ध विद्या में निपुण,परम प्रतापी भरों को इसी वजह से ‘भारशिव’ व ‘राजभर’ भी कहा जाता है। सैकड़ों गढ़, दुर्ग व किले इन्हीं राजभरों के आधिपत्य में थे। सुल्तानपुर भी उन्हीं में से एक था। अलबत्ता..तब वो सुल्तानपुर नहीं बल्कि ‘कुशपुर’ या ‘कुशभवनपुर’ कहा जाता था।’गजेटियर ऑफ अवध’, सुल्तानपुर गजेटियर व इम्पीरियल गजट आदि अनेकों आधिकारिक किताबों में इसका जिक्र है। नेपाल की सरहद से सटे श्रावस्ती-बहराइच में महाप्रतापी भर राजा सुहेलदेव व कुशपुर (मौजूदा सुल्तानपुर) में नंद कुंवर की सत्ता थी। उससमय कुशपुर का